देशभर में महाशिवरात्रि की धूम; उज्जैन में लगातार 44 घंटे तक भगवान महाकाल के दर्शन होंगे!

आज देशभर में बड़े ही शुभ योग में महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। सनातन धर्म में महाशिवरात्रि  के पर्व का विशेष महत्व होता है। इस पर्व पर पूरे दिन व्रत रखते हुए शिव मंदिरों में जलाभिषेक और विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर भस्म आरती की गई। आपको बता दें कि महाकाल भी शिव ज्योतिर्लिंगों में से एक है। महाकाल की महिमा देश-दुनिया में मशहूर है और महाकाल कॉरिडोर के निर्माण के बाद यहां आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ने लगी है।

उज्जैन के महाकाल मंदिर, खंडवा के ओंकारेश्वर, रायसेन के भोजपुर और नर्मदापुरम के पचमढ़ी में चौरागढ़ महादेव मंदिर समेत प्रदेश सभी शिवालयों में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा है। प्रदेशभर में जगह-जगह धार्मिक आयोजन भी होंगे।

उज्जैन में लगातार 44 घंटे तक भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। महाकाल के पट गुरुवार रात 2.30 बजे खुले जो शनिवार रात 10.30 बजे तक खुले रहेंगे। सुबह सीएम डॉ. मोहन यादव ने पूजा और अभिषेक किया। दावा किया जा रहा है कि महाशिवरात्रि पर करीब 12 लाख श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना है। इधर, ओंकारेश्वर महाराज का विशेष श्रृंगार कर आरती की गई। श्रद्धालु गर्भगृह के बाहर से दर्शन कर रहे हैं।

महाकाल के दर्शन के लिए गुरुवार रात से ही लाइन

भगवान महाकाल के दर्शन के लिए गुरुवार रात से ही लाइन लगनी शुरू हो गई। ये लाइन कर्कराज मंदिर के सामने से लग रही है। यहां से बैरिकेड के जरिए मंदिर तक घुमावदार रास्ता बनाया गया है। यह रूट 1.5 किलोमीटर का है।

वहीं, वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की 3 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। हर सेकेंड 10-15 लोग दर्शन कर रहे हैं। बाबा का दरबार लगातार 36 घंटे से ज्यादा समय तक खुला रहेगा। इस दौरान करीब 10 लाख भक्तों के मंदिर आने का अनुमान है।

आज शिव विवाह पर काशी में बाबा विश्वनाथ की भव्य बारात निकाली जाएगी। भस्मी लपेटे शिव गण (भूत-पिशाच, ताल-बेताल, सपेरे) नरमुंड लिए काली, गदारी, साधु-संन्यासियों और जादूगरों की टोलियां नृत्य करेंगी।

उधर, झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में भी भोलेनाथ के दर्शन के लिए गुरुवार 7 मार्च की शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने लगी। आज दिन भर डेढ़ लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है। दर्शन के लिए 5 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव दूल्हा होते हैं। उनके शृंगार की जगह भव्य चतुष्प्रहर पूजा की जाती है। इसलिए सुबह मंदिर के पट खुलने से लेकर बंद होने तक भक्त बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे।