दिलचस्प कहानी; इंजीनियरिंग के बाद विदेश में लाखों की सैलरी… फिर नौकरी छोड़ बना साधु!

वृंदावन/मथुरा में हर दिन लाखों संख्या में भक्त अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न मंदिरों और पौराणिक स्थानों के दर्शन करने आते हैं. जहां भगवान कृष्ण ने अपनी कई बाल लीलाएं की हैं. वृंदावन के लिए यह भी कहा जाता है कि जो एक बार वृंदावन आ गया फिर वह यहां का ही होकर रह जाता है. ऐसा ही हुआ एक शख्स के साथ जब कृष्ण भक्ति का रंग चढ़ा तो पोलैंड की लाखों की नौकरी छोड़ वृंदावन में संत बन गए.

35 साल के भक्तिवेदान्त दामोदर दास की जिंदगी तब बदली जब 2011 में ऑफिस की छुट्टियों के दौरान वो वृंदावन घूमने के लिये आए. भक्ति का नशा ऐसा चढ़ा की वह हमेशा के लिये वृंदावन के हो कर रह गए. मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले दामोदर ने बताया कि उनके घर में शुरू से ही भक्ति का माहौल था. उनके माता-पिता हमेशा से ही उन्हें रामायण और गीता का पाठ पढ़ाया.

ऐसे बदली जिंदगी
दामोदर दास उनकी जिंदगी में असली परिवर्तन आया 2011 में जब वह पहली बार वृंदावन आए. इससे पहले वह अयोध्या के महंत नृत्य गोपाल दास के सानिध्य में काफी समय रहे और वृंदावन आने के बाद इस्कॉन से भी जुड़े और बाद में इस्कॉन परंपरा में ही दीक्षा लेकर संन्यासी बन गए.