वसूली के आरोपों में फंसीं सीओ दीपशिखा पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई, शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट

सीओ दीपशिखा अहिबरन सिंह की तैनाती मीरगंज सर्किल में थी। उन पर ईंट भट्ठा मालिक ने वसूली के आरोप लगाए थे। जांच के बाद एसएसपी ने सीओ मीरगंज पद से दीपशिखा को हटा दिया था।

बरेली जिले में मीरगंज सीओ पद से हटाई गईं दीपशिखा अहिबरन सिंह की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। उन पर निलंबन की कार्रवाई भी हो सकती है। वसूली के प्रकरण में प्रारंभिक जांच व कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

ईट भट्ठा मालिक को खनन के फर्जी मामले में फंसाने वाली सीओ दीपशिखा पहले आरोप और फिर प्रशासन की जांच में घिर गई थीं। एसएसपी ने एसपी दक्षिणी मानुष पारीक से उनकी भूमिका की जांच कराई थी। इसमें भी वह दोषी पाई गईं। तब एसएसपी ने उन्हें पद से हटाकर मीरगंज सीओ सर्किल की अतिरिक्त जिम्मेदारी सीओ बहेड़ी अरुण कुमार को दे दी। अब इस कार्रवाई की रिपोर्ट एसएसपी स्तर से शासन को भेजी जाएगी। वहां से मामले में निलंबन की कार्रवाई हो सकती है।
यह था मामला
मीरगंज क्षेत्र के गांव तिलमास निवासी रिफाकत अली ने तत्कालीन एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान से शिकायत की थी कि 12 जून को दोपहर के वक्त सीओ दीपशिखा उनके ईंट भट्ठे पर आई थीं। उन्होंने अवैध खनन का आरोप लगाकर दो लाख रुपये की मांग की थी।

रिफाकत ने अपना काम वैध बताकर रायल्टी जमा करने व जीएसटी देने का तर्क दिया था। रुपये नहीं देने पर सीओ ने उनकी जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली सीज कर दी थी। एसएसपी ने एसपी दक्षिणी मानुष पारीक को मामले की जांच सौंपी थी। एसपी दक्षिणी की रिपोर्ट पर एसएसपी अनुराग आर्य ने बृहस्पतिवार रात सीओ दीपशिखा को मीरगंज से हटा दिया।
एसी मामले में अब तक दर्ज नहीं हुए सीओ लाइन के बयान
इधर, पुलिस लाइन के स्टोर इंचार्ज से एसी मंगवाने और उसका बिल एडजेस्ट करने के मामले में आरोपी बताए जा रहे सीओ लाइन प्रियतोष त्रिपाठी के बयान अभी तक एसपी दक्षिणी कार्यालय में दर्ज नहीं हो सके हैं। बताया जा रहा है कि त्रिपाठी एक्सीडेंट की वजह से अवकाश पर चले गए हैं। मनमानी कार्यशैली और रिश्वतखोर दरोगा को संरक्षण देने के मामले में शीशगढ़ इंस्पेक्टर की जांच बहेड़ी सीओ कर रहे हैं। इंस्पेक्टर ने वरिष्ठ अधिकारियों व मीडिया के बारे में भी अभद्र टिप्पणी की थी। इसे लेकर उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।