यूपी में बारिश बनी आफत; बीते 24 घंटे में 12 की मौत; मुख्यमंत्री ने कहा बाढ़ पर नजर रखें!
उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान प्राकृतिक आपदाओं में 12 लोगों की मौत हो गई। यहां पर बारिश और आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिला। बारिश से कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ और जल जमाव की समस्या के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों व नगर निकाय के अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में बीते 24 घंटे में घटित हुईं विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में कुल 12 लोगों की मौत हुई है। इनमें आकाशीय बिजली से जनपद मैनपुरी, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, रायबरेली तथा गोरखपुर में एक-एक, अतिवृष्टि से जनपद रायबरेली तथा मैनपुरी में एक-एक तथा डूबने से बुलन्दशहर, कन्नौज, फिरोजाबाद, उन्नाव एवं पीलीभीत में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, हरदोई, फरुखाबाद, संभल, बदायूं एवं आसपास के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
उत्तर प्रदेश में मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने के बीच नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और कुशीनगर, बलरामपुर तथा श्रावस्ती जिलों के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। राज्य सरकार की ओर से रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों को राहत अभियान चलाकर सुरक्षित निकाला गया है। बयान के अनुसार श्रावस्ती जिले में बाढ़ में फंसे 11 और कुशीनगर जिले के 76 लोगों को बाहर निकाला गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा बाढ़ पर नजर रखें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेज बारिश के दृष्टिगत संबंधित जिलों को तेजी से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नजर रखें और प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करें। उन्होंने आपदा से हुई जनहानि से प्रभावित परिवारों को राहत राशि अविलंब देने को कहा। साथ ही, जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है अथवा पशु हानि हुई है, उन्हें भी वित्तीय सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए है। वहीं फसलों को हुए नुकसान का आकलन का शासन को रिपोर्ट देने को कहा।