उज्जैन; महाकाल मंदिर में भस्म आरती में मनाया गया वसंतोत्सव!
आज बसंत पंचमी है और इस अवसर पर ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सबसे पहले भस्म आरती में वसंत उत्सव मनाया गया। पुजारियों ने केसरिया पंचामृत से भगवान का अभिषेक पूजन कर भगवान को वसंत के पीले फूल व गुलाल अर्पित किया।
बुधवार को तड़के भस्म आरती में भगवान का केसरिया पंचामृत से अभिषेक किया गया। भगवान को पीतांबर धारण कराकर वासंती फूलों से शृंगार किया गया। पुजारियों ने आरती में पीले रंग के सोले कपड़े कर उत्सव मनाया। पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिरों में वसंत पंचमी से 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत होगी।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज बंसत पंचमी पर चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का अभिषेक किया। दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का पूजन कर अभिषेक किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद सरसों के फूल और पीले वस्त्र अर्पित कर मां सरस्वती के रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार किया गया। मावा, सूखा मेवा और ड्रायफ्रूट अर्पित करने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई। सरसों के पुष्प अर्पित कर फल और मिष्ठान से बाबा महाकाल का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु ने बाबा महाकाल के मां सरस्वती स्वरूप का आशीर्वाद लिया।
महाकाल मंदिर में बसंत पंचमी पर्व का उत्साह साफ दिखाई दे रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। ग्रंथों के अनुसार इस दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थीं, तब देवताओं ने देवी स्तुति की। स्तुति से वेदों की ऋचाएं बनीं और उनसे वसंत राग। इसलिए इस दिन को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। महाकालेश्वर मंदिर से आज से फाग उत्सव की शुरुआत हो गई है जो होली तक चलेगा।