पुलवामा हमला: 12 दिन बाद भारत ने लिया था बदला, ऐसे बनी थी एयरस्ट्राइक की योजना

आज पुलवामा हमले की बरसी है. आज ही के दिन 2019 में जैश ए मोहम्मद (Jash E Mohammad) के आतंकी ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुलवामा में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हमला किया था. जैश के आतंकी ने विस्फोटकों से लदी कार को सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दिया था. भीषण आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद की इस कायरतापूर्ण कार्रवाई से पूरा देश गुस्से में उबल उठा था. इस हमले के ठीक 12 दिन बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर बदला लिया था. पुलवामा हमले के दूसरे ही दिन से भारतीय सेना ने बदले की बड़ी कार्रवाई की योजना पर काम करना शुरू कर दिया था.

क्या हुआ था 14 फरवरी 2019 को
14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ का एक काफिला श्रीनगर-जम्मू हाइवे से गुजर रहा था. 78 बसों के इस काफिले में सीरआरपीएफ के 2500 जवान अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे. दोपहर के करीब 3 बजे का वक्त था. सीरआरपीएफ के जवानों का काफिला जब पुलवामा जिले के श्रीनगर-जम्मू हाइवे से गुजर रहा था, उसी वक्त जैश ए मोहम्मद के एक आतंकी ने विस्फोटकों से लदी कार सीरआरपीएफ के काफिले की गाड़ी से भिड़ा दी. बताया गया कि कार में करीब 350 किलो आरडीएक्स भरा था. इस आत्मघाती हमले में भयानक विस्फोट हुआ. सीरआरपीएफ की गाड़ी की परखच्चे उड़ गए. सीरआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए.

जब पीएम मोदी ने कहा था- हर आंसू का बदला लेंगे
देश की जनता में गुस्से की लहर थी. देश के लोगों की भावनाओं को समझते हुए उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मैं अपने सीने में वैसी ही आग महसूस कर रहा हूं, जैसी आग आपके भीतर है. इस हमले के एक ही दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हर आंसू का बदला लिया जाएगा. भारतीय सेना को खुली छूट दे दी गई है. हम अपने हिसाब से और सही वक्त पर दुश्मन से बदला लेंगे.

संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की थी. यूएन के साथ कई दूसरे देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन किया था. पुलवामा अटैक के 12 दिन बाद भारतीय सेना ने एलओसी पार करके पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर हमले का बदला लिया था.

कैसे बनी थी एयरस्ट्राइक की योजना
पुलवामा हमले की बदले की योजना अटैक के दूसरे ही दिन से बननी शुरू हो गई थी. 15 फरवरी 2019 को इंडियन एयरफोर्स के चीफ बीएस धनोआ ने हमले की प्रतिक्रिया में एयरस्ट्राइक करने की योजना सरकार के सामने रख दी. उसी वक्त केंद्र सरकार ने इस योजना को हरी झंडी दे दी थी.

इसके बाद 16 फरवरी से लेकर 20 फरवरी तक इंडियन एयरफोर्स ने एलओसी के पास सर्विलांस रखना शुरू कर दिया. एयरफोर्स के ड्रोन विमानों के जरिए इलाके में चल रहे आतंकी शिविरों के बारे में जानकारी इकट्ठा करनी शुरू कर दी गई. एयरफोर्स के साथ देश की खुफिया एजेंसियां भी इस काम में लगी थीं.