राजस्थान के कोटा में 8 दिन में दो छात्र हुए लापता, पुलिस को नहीं मिला कोई सुराग
देश भर में इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग के लिए जाने जाने वाला राजस्थान का कोटा शहर पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में है. कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड के मामलों के बाद अब छात्रों के लापता होने के मामले सामने आ रहे हैं… और कोटा पुलिस लापता छात्रों को तलाश करने में नाकाम साबित हो रही है. शहर जवाहर नगर इलाके में छात्रों के लापता होने से जुड़े मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले 8 दिन में एक कोचिंग छात्र का अब तक पता नहीं लगा, वहीं एक और कोचिंग छात्र लापता होने का मामला सामने आया है, जिसके बारे में पुलिस जानकारी नहीं दे रही थी.
यूपी का पीयूष कपासिया पिछले 6 दिन से लापता
यूपी के बुलन्दशहर निवासी कोचिंग छात्र पीयूष कपासिया पिछले 6 दिन से लापता है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस उनका सहयोग नहीं कर रही है. अब तक पुलिस छात्रों को तलाश नहीं कर पाई है. बुलन्दशहर निवासी महेशचंद ने बताया कि उनका बेटा पीयूष कपासिया इन्द्रा विहार के होस्टल चंद्रकला से 13 फरवरी से लापता है. पीयूष कोटा में पिछले 2 साल से जेईई मेंस की तैयारी कर रहा है. 13 फरवरी को उसकी मां से पीयूष की बात हुई थी. उसके बाद से उसकी मां ने उसे फोन मिलाया, तो उसने फोन नहीं उठाया. कई बार फोन किया, लेकिन जब पीयूष ने फोन नहीं उठाया और बाद में फोन बंद हो गया तो घर वालों को चिंता हुई. बार-बार फोन करते रहे, लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद जवाहर नगर थाने में रिपोर्ट दी गई, लेकिन छात्र का कोई सुराग नहीं मिला है.
एमपी के 8 दिन से लापता कोचिंग छात्र के परिजनों की चेतावनी
कोटा से लापता मध्य प्रदेश के कोचिंग छात्र के परिजनों का धैर्य अब जवाब देने लगा है. परिजनों ने राजस्थान-मध्य प्रदेश बॉर्डर पर चक्काजाम और आंदोलन करने की चेतावनी दी है. परिजन एमपी से कोटा में आकर डेरा डाले हुए हैं. पिछले 8 दिन से लापता छात्र रचित एमपी के राजगढ़ का निवासी है और कोटा में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा है. ड्रोन की मदद के बाद डॉग स्क्वायड की टीमें भी चंबल नदी के किनारे और जंगल में तलाश की, लेकिन अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया. पिता ने लापता बेटे के पोस्टर छपवा कर कोटा के आसपास के हाईवे ग्रामीण क्षेत्र में लगाए हैं. पिता सहित अन्य परिजन कोटा में बेटे की तलाश में जुटे हैं. लापता छात्र की तलाश के लिए न केवल ड्रोन की मदद ली जा रही है, बल्कि डॉगस्क्वायड की मदद से भी जंगल के चप्पे चप्पे को छाना जा रहा है.