अयोध्या में 93 मुस्लिम बच्चें संदिग्ध मिले; बस में बिहार से देवबंद अवैध तरीके से जा रहे थे सभी बच्चे!
अयोध्या पुलिस और ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की संयुक्त टीम ने अवैध तरीके से बिहार से देवबंद जा रहे 93 बच्चों को पकड़ा है। बस में सवार सभी बच्चों का मेडिकल कराकर CWC को सौंपा है। वहीं बस के परिचालक चालक और बस में कई मौलवी से ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार बरामद किए गए बच्चे एक दूसरे को जानते तक नहीं है, न ही इनके सही स्थान और माता-पिता का पता है।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग को सूचना मिली थी कि बिहार से अररिया से सहारनपुर के देवबंद में कई बच्चों को अवैध तरीके से ले जाया जा रहा है। जिसकी सूचना पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और अयोध्या पुलिस की टीम ने अयोध्या कोतवाली पुलिस ने बड़ी देवकाली स्थित पंचशील के पास नेशनल हाइवे-27 पर एक बस को रोका, बस में 93 बच्चें मिले। सभी बच्चे मुस्लिम धर्म से है। इनके साथ पांच मौलवी मिले। संयुक्त टीम ने सभी बच्चों से पूछताछ के लिए सिविल लाइन ले गई। जहां बच्चों और मौलवी से घंटे तक पूछताछ हुई।
बच्चों को कुछ भी नहीं पता कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार “पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा था उन्हें कुछ नहीं पता है। बस उन्हें बस में बैठा दिया गया। इसके अलावा उन्हें कुछ नहीं पता है। वहीं पूछताछ में मौलवी द्वारा दी गई जानकारी पूरी तरह झूठी निकली।
CWC के सर्वेश अवस्थी ने बताया “पूछताछ में पता चला है कि इन बच्चों को बिहार से देवबंद सहारनपुर ले जाया जा रहा था, बच्चों के माता-पिता और परिजनों का नाम और उनकी सहमत पत्र भी इन लोगों के पास नहीं मिला है। कई बच्चे इसमें अनाथ भी हैं। कई बच्चे एक दूसरे को पहचानते तक नहीं है।
जांच के दौरान रोते बिलखते रहे बच्चे
सिविल लाइन में जांच और पूछताछ के दौरान कई घंटे लगे लगे। इसके बाद बच्चों को जिला अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया। इस दौरान कई बच्चे रोते बिलखते दिखाई दिए। वहीं कुछ स्थानीय लोगों ने बच्चों को खाने के सामान भी दिए।
CWC की काउंसलिंग में होंगे कई खुलासे
जानकारी के माने तो यह पूरा मामला किसी रैकेट से जुड़ा हुआ है। सूत्रों के अनुसार अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि बच्चे किस स्थान पर एकजुट हुए थे। और इन बच्चों को किसने एकत्रित किया था और देवबंद में कहां ले जा रहे थे। कई ऐसे प्रश्न है जिनका अभी तक जवाब नहीं मिला है। मामला प्रकाश में आने से बाद अब एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पूरे मामले की जांच करने में जुट गई है। हालांकि अभी पूरे मामले में कुछ भी बोलने से अधिकारी बच रहे है।