छोटी काशी’ में लाखों भक्तों ने किया जलाभिषेक, बरेली के नाथ मंदिरों में बम-बम भोले की गूंज

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सावन माह के दूसरे सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए तड़के से ही शिवालियों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। हरिद्वार व कछलाघाट से गंगाजल लेकर आए कांवड़िये बम-बम हर-हर का जयघोष करते हुए शिवालयों में पहुंचे। भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ के पौराणिक शिव मंदिर में सुबह 11 बजे तक करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए। इधर, बरेली के नाथ मंदिरों में आधी रात के बाद से भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई। शाहजहांपुर, बदायूं और पीलीभीत के प्रमुख शिवालयों में भी शिवभक्तों की भीड़ रही। भक्तों ने बेलपत्र चढ़ाकर जलाभिषेक किया और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की

गोला गोकर्णनाथ में रविवार की रात 11:00 बजे शृंगार पूजा के बाद पौराणिक शिव मंदिर के कपाट बंद हुए थे। सावन के दूसरे सोमवार पर भक्तों के दर्शनार्थ रात दो बजे से ही शिव मंदिर के कपाट खोल दिए गए। शिव भक्तों ने रात में ही डेरा जमा लिया था।

कांवड़ लेकर शिवभक्तों के जत्थे पैदल और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से गोला पहुंचे तो माहौल शिवमय हो गया। भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। ओयल के मेंढक मंदिर, लखीमपुर शहर के शिव मंदिरों और अन्य मंदिरों में शिव भक्त बाबा की आराधना में जुटे

बरेली की सड़कों पर रविवार को सुबह से ही डीजे पर भजन कीर्तन की मस्ती में कांवड़ियों के जत्थे वापस आने लगे थे। इसमें अधिकतर जत्थे ग्रामीण क्षेत्र के थे। दोपहर बाद शहरी क्षेत्र के जत्थों की वापसी शुरू हुई। रात होते-होते तमाम जत्थे मंदिरों पर पहुंचने लगे थे

बरेली के बाबा अलखनाथ मंदिर और बाबा बनखंडी नाथ मंदिरों में मध्य रात्रि के बाद से ही जलाभिषेक शुरू हो गया था, जबकि बाबा त्रिवटी नाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों के कपाट भोर में खोले गए। पशुपति नाथ मंदिर में भी शिवभक्तों की कतार लगी रही।