फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने का भंडाफोड़, यूपी के अलग-अलग जिलों से 6 आरोपी गिरफ्तार
रायबरेली जनपद में फर्जी जन्मप्रमाण बनाने के मामले में पुलिस और एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की है। एटीएस और रायबरेली पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। संतकबीरनगर, रॉबर्ट्सगंज, गोरखपुर, कुशीनगर मुरादाबाद से पकड़े गए आरोपी। आरोपियों के पास से 3 टैबलेट,11 मोबाइल 7 लैपटॉप क्रेडिट कार्ड और आधार कार्ड बरामद हुए हैं।
एसपी ने बताया कि यह सभी लोग आपस में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ जुड़े हुए थे, जब किसी को कोई जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती थी तो वह ग्रुप में उसका नाम, जन्मतिथि व माता-पिता का नाम व पता लिखकर मैसेज कर देता था।
एसपी ने बताया किस तरह बनाते थे फर्जी जन्म प्रमाण पत्र
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह सभी लोग आपस में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ जुड़े हुए थे, जब किसी को कोई जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती थी तो वह ग्रुप में उसका नाम, जन्मतिथि व माता-पिता का नाम व पता लिखकर मैसेज कर देता था। ग्रुप में जुड़े हुए व्यक्ति जिसके पास उस समय के ग्राम विकास अधिकारी के लॉगिन आईडी व पासवर्ड उपलब्ध होता है उसी ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से विवरण भर के जन्म प्रमाण पत्र जारी कर देता था। उसकी पीडीएफ फाइल बनाकर ग्रुप में डाल देता था।
ग्राम विकास अधिकारी की लॉगिन आईडी विभिन्न जन सेवा केंद्र संचालकों के माध्यम से की जाती थी। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के लिए बार कोड से पेमेंट किया जाता था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी एवं फर्जी वेबसाइट से बने जन्म प्रमाण पत्र के माध्यम से यह लोग आधार कार्ड में प्रमाणिक संशोधन भी करते थे। इस प्रकार का कृत्य करके यह लोग फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का उपयोग जन्म तिथि में हेरफेर कर सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में अनुचित लाभ लेने के लिए किया जाता था। इस मामले में सलोन से विजय सिंह यादव, जीशान खान, सोहेल और रियाज खान को 19 जुलाई को गिरफ्तार करके पुलिस ने न्यायिक की अभिरक्षा में भेज दिया था। अभी तक कुल 10 लोग जेल भेजे जा चुके है
वहीं, पुलिस अधीक्षक से जब यह पूछा गया कि इस फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में बांग्लादेश कि किसी नागरिक का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना है तो इस पर उन्होंने कहा कि अभी तक कि जांच में कोई भी ऐसा मामला निकल के नहीं आया है। ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि स्थानीय भाजपा विधायक अशोक कुमार के दावे फेल नजर आ रहे हैं। वहीं जीशान की संपत्ति को लेकर भी जांच चल रही है उसके द्वारा अर्जित की गई आय पिछले 4 सालों में बनी है या फिर उससे पहले आय व संपत्ति बनाई गई है।