बंद कमरे में मिले तीन युवकों के शव; जांच में जुटी पुलिस!

दिल्ली के डाबरा इलाके में रेहड़ी लगाकर छोले भटूरे बेचने वाले बरेली के तीन युवकों के शव शनिवार शाम डाबड़ी इलाके में संदिग्ध हालत में मिले। इनमें दो सगे भाई अमित और सोनू के साथ ही उनके पड़ोसी व मददगार यादराम उर्फ बब्बन शामिल थे। प्रारंभिक जांच में विषाक्त खाना खाने से मौत की आशंका जताई गई है। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद हकीकत सामने आएगी। घटना की सूचना मिलते ही यहां परिवारों में कोहराम मच गया। बरेली से परिजन दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।

दिल्ली की डाबड़ी थाना पुलिस ने बताया कि शनिवार शाम सूचना मिली कि सीतापुरी इलाके के एक मकान में अंदर से बंद कमरे से खून बहकर बाहर आ रहा है। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो तीन युवकों के शव खराब हालत में मिले। मकान मालिक भगतूराम ने बताया कि बरेली के किला छावनी निवासी तीनों युवक कुछ माह से उनके यहां किराये पर रह रहे थे। वह इलाके में रेहड़ी पर छोले भटूरे बेचते थे। इनके परिचित अरुण ऊपरी मंजिल पर रहते हैं। उन्होंने ही खून देखकर मकान मालिक को जानकारी दी।

पुलिस को कमरे से रसोई गैस सिलिंडर मिला। कुछ खाने का सामान और शराब की बोतलें भी थीं। जिला पुलिस उपायुक्त अंकित कुमार सिंह ने बताया कि अंगीठी नहीं मिली। उन्होंने हत्या या फिर दम घुटने से मौत की बात नकार दी। आशंका जताई कि तीनों ने शराब पीने के साथ खाना खाया है। गैस सिलिंडर भी खुला था। आशंका है कि विषाक्त खाना खाने या फिर ज्यादा नशा करने से मौत हुई है।

रविवार को तीनों शवों का पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका। मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि इनकी मौत दो दिन पहले ही हो गई थी। शव सड़ने शुरू हो गए थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीनों के शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं। ऐसे में आशंका है कि इनकी दम घुटने या फिर दूषित खाना खाने से मौत हुई होगी।

अमित के बड़े भाई राजन राजपूत ने बताया कि उनका परिवार मूल रूप से भुता का रहने वाला है। परिवार में पिता आशाराम, मां मुसा देवी और एक बहन लक्ष्मी है। लक्ष्मी अपने परिवार के साथ सोनीपत में रहती है। सोनू उसी के साथ ही रहता था।

एक साल से बेच रहे थे भटूरे-
राजन ने बताया कि अमित एक साल से रेहड़ी पर छोले भटूरे बेच रहा था। पहले वह द्वारका सेक्टर 21 में रेहड़ी लगाता था। एक माह पहले ही द्वारका मोड़ पर रेहड़ी लगाना शुरू किया था और पास ही कमरा लिया था। कई साल से सहायक बब्बन उनके साथ ही रहता था। बृहस्पतिवार रात 11 बजे उनकी अमित से फोन पर बात हुई थी।

परिवार ने जताया हत्या का अंदेशा-
परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। रविवार को बब्बन के घर पर उनका छोटा भाई मनोज राठौर मिला। मनोज ने बताया कि उनके पिता गोधनलाल राज मिस्त्री हैं। वे चार भाई थे। मोहल्ले के ही अमित व सोनू कश्यप दिल्ली में छोले भटूरे का काम करते थे। वही लोग बब्बन को साथ ले गए थे। अमित व सोनू के चाचा राधे ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में शव रखे हैं। वहां स्टाफ ही नहीं है। सोमवार को पोस्टमॉर्टम से हकीकत पता लगेगी। राधे ने कहा कि दिल्ली पुलिस भ्रामक बातें कर रही है। मामले को हादसा बनाना चाहती है। उन्होंने साजिश की आशंका जताते हुए कहा कि मामला हत्या का भी हो सकता है। वह सोमवार को अधिकारियों से शिकायत भी करेंगे