बरेली : संतोष शर्मा हत्याकांड में 5 आरोपियों ने कोर्ट में किया समर्पण!
बरेली: जिले के आलमपुर जाफराबाद में दिवाली वाले दिन जुआ पकड़ने गई पुलिस टीम पर किसान संतोष शर्मा की पीटकर हत्या करने का आरोप लगा था। इसमें आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। 10 लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
अब इस हत्याकांड के आरोपी पांच पुलिसकर्मियों समेत एंबुलेंस चालक ने शनिवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस अब उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। सभी पक्षों के बयान कराकर चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी है।
बता दें कि भमोरा थाना क्षेत्र के आलमपुर जाफराबाद में जुआ पकड़ने गई पुलिस टीम पर किसान संतोष शर्मा की पीटकर हत्या करने का आरोप लगा था। इसमें आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दस लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। शुरू में चौकी इंचार्ज सरदारनगर एसआई टिंकू कुमार, हेड कांस्टेबल पुष्पेंद्र राणा, हेड कांस्टेबल मनोज कुमार, कांस्टेबल अंकित कुमार, कांस्टेबल दीपक कुमार, एंबुलेंस चालक विजय को नामजद कर तीन अन्य आरोपी अज्ञात के तौर पर शामिल किए गए थे।
एसएसपी ने चौकी पर तैनाती के आधार पर एसआई नेपाल सिंह, कांस्टेबल सत्यजीत सिंह, कांस्टेबल मोहित कुमार को भी निलंबित किया था। पुलिस दबिश की बात तो कह रही थी पर अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी। चौतरफा दबाव के बीच कुर्की का नोटिस चस्पा किया गया था। टिंकू कुमार, पुष्पेंद्र राणा, मनोज कुमार, अंकित कुमार, दीपक कुमार व एंबुलेंस चालक विजय कुमार ने शनिवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। बाकी आरोपियों के हाजिर न होने से लग रहा है कि विवेचना में इनके नाम बाहर हो चुके हैं। दरोगा नेपाल सिंह का नाम बाहर करने का आरोप लगाकर संतोष का परिवार पहले ही विरोध जता चुका है।
गैर इरादतन हत्या में जा सकती है चार्जशीट – संतोष के परिजनों का आरोप था कि संतोष की हत्या पीटकर की गई है। पोस्टमॉर्टम में सिर की चोट को मौत की वजह बताया गया। मरने से पहले संतोष का रामपुर गार्डन के निजी अस्पताल में इलाज हुआ था। सूत्र बताते हैं कि डॉक्टर के पर्चों व रिपोर्ट में कई अंदरूनी चोटों का जिक्र है पर सिर की चोट का कहीं जिक्र नहीं है। हालांकि सिर में खून का थक्का (क्लोटिंग) का जिक्र जरूर है। एसएसपी ने दोनों रिपोर्ट में विरोधाभास के चलते इन्हें फॉरेंसिक साइंस लैब लखनऊ भेजा था। वहां सिर की चोट को मौत की वजह नहीं माना गया। इस लिहाज से चार्जशीट गैर इरादतन हत्या में दाखिल की जा सकती है।
एसपी देहात मुकेश मिश्रा ने बताया कि सरेंडर करने वाले आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सकती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने वाले व इलाज करने वाले डॉक्टर आदि का बयान कोर्ट के समक्ष कराया जा सकता है। साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट लगाई जाएगी।