Chandigarh Mayor Election; AAP के कुलदीप कुमार बने चंडीगढ़ के मेयर!

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने AAP-कांग्रेस के कैंडिडेट कुवदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया। कोर्ट ने चुनाव अधिकारी (रिटर्निंग अफसर) अनिल मसीहो को नोटिस दिया है। कोर्ट ने कहा कि अफसर ने अदालत में झूठ बोला।

केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की दोबारा गिनती की जाए। अनिल मसीह ने जिन 8 बैलट्स पर निशान लगाए थे, उन सभी को वैध माना जाए। सभी बैलट्स की गितनी के आधार पर जीतने वाले कैंडिडेट का फैसला हो।

किसे मिले थे कितने वोट

चंडीगढ़ नगर निगम में जीत के लिए 19 वोट के आंकड़े तक पहुंचना जरूरी था। बीजेपी के पास उसके अपने पार्षदों और सांसद के एक वोट को मिलाकर कुल 15 वोट थे। निर्दलीय शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद का वोट भी जोड़ लें तो बीजेपी का आंकड़ा 16 तक ही पहुंच रहा था। 30 जनवरी को मेयर इलेक्शन में बीजेपी उम्मीदवार को इतने ही वोट मिले भी थे।

वहीं दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षदों को मिलाकर वोटों का आंकड़ा 20 था। वोटिंग के बाद गिनती पूरी हुई तब बताया गया कि कांग्रेस और AAP के साझा उम्मीदवार के पक्ष में पड़े 20 में से 8 वोट रिजेक्ट हो गए।  इसके बाद दोनों दलों के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मिले वैलिड वोट 12 ही बचे थे। इसके बाद बीजेपी उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया गया था।

मेयर चुनाव में धांधली तो देश में क्या होगा- केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इस हार को बेईमानी करार दिया था। उन्होंने कहा, ‘चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिन दहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है, वो बेहद चिंताजनक है। यदि एक मेयर चुनाव में ये लोग इतना गिर सकते हैं तो देश के चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं. ये बेहद चिंताजनक है।’ अब जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आम आदमी पार्टी के पक्ष में गया है तो अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कहा है।