रणजी में Mumbai की टीम ने रचा इतिहास, नंबर 10 और 11 के खिलाड़ी ने खेली शतकीय पारी!
भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट का सबसे बड़ा घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी खेला जा रहा है। रणजी के मौजूदा सीजन (Ranji Trophy 2023-24) में क्वार्टर फाइनल मुकाबले खेले जा रहे हैं और आज मुंबई के दो निचले क्रम के बल्लेबाजों ने अनोखा कारनामा किया, जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सिर्फ दूसरी बार देखने को मिला है। मुंबई के ऑलराउंडर खिलाड़ी तनुश कोटियन (120) और तेज गेंदबाज तुषार देशपांडे (123*) ने इतिहास रच दिया। इन दोनों ने बड़ौदा के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में शतक बनाया और फर्स्ट क्लास इतिहास में ऐसा करने वाली केवल दूसरी नंबर 10 और 11 की जोड़ी बन गई।
दूसरे क्वार्टर फाइनल मुकाबले के चौथे दिन के स्कोर 379/9 से मुंबई की पारी को आगे बढ़ाते हुए तनुष कोटियन और तुषार देशपांडे ने बड़ौदा के गेंदबाजों को आड़े हाथों लिया और जमकर रन बटोरे। कोटियन ने सबसे पहले 115 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। वहीं, देशपांडे ने 112 गेंदों में सैकड़ा जमाया। इन दोनों ने पहली बार अपने-अपने फर्स्ट क्लास करियर में शतक बनाया।
यह जोड़ी चंदू सरवटे और शुते बनर्जी के बाद एक ही पारी में नंबर 10 और नंबर 11 के रूप में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शतक बनाने वाली दूसरी जोड़ी है। सरवटे और बनर्जी ने 1946 में ओवल में सरे बनाम इंडियंस मैच में यह उपलब्धि हासिल की थी।
कोटियन-देशपांडे की साझेदारी ने 232 रन जोड़े। यह तीसरा मौका रहा जब किसी भारतीय जोड़ी ने आखिरी विकेट के लिए 200 से अधिक की साझेदारी की है। हालाँकि, ये दोनों रणजी ट्रॉफी में आखिरी विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड तोड़ने से एक रन से चूक गए।
इसके अलावा तुषार देशपांडे नंबर 11 पर बल्लेबाजी करते हुए प्रथम श्रेणी शतक बनाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज भी बने। उन्होंने किसी भारतीय नंबर 11 बल्लेबाज द्वारा उच्चतम फर्स्ट क्लास स्कोर दर्ज करने के मामले में बनर्जी के 121 को पीछे छोड़ दिया।
आपको बता दें कि मुंबई ने अपनी दूसरी पारी में 569 का विशाल स्कोर बनाया और बड़ौदा को जीत के लिए 606 का लक्ष्य दिया है। ऐसे में अंतिम दिन होने के कारण बड़ौदा के पास लक्ष्य हासिल करने का कोई मौका नहीं है और अगर मुंबई विकेट लेने में सफल नहीं होती, तो फिर मुकाबला ड्रॉ की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है।