होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि!
हिंदू धर्म में होली का पर्व प्रमुख माना जाता है। वहीं फाल्गुन माह की शु्क्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की रात को होलिका दहन किया जाता है। इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और होली एक धार्मिक और पारंपरिक त्योहार है। होली को रंगोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। अब ऐसे में इस साल होलिका दहन कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और महत्व क्या है। ये जानना जरूरी है।
होलिका दहन 24 मार्च को मनाया जाएगा, लेकिन होलिका दहन के दिन भद्रा का भी साया रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दौरान पूजा-पाठ और कोई भी शुभ काम करना वर्जित माना जाता है। इस दिन भद्रा सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर आरंभ हो रहा है और इसका समापन रात 11 बजकर 13 मिनट को होगा।
कितने बजे होगा होलिका दहन
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि भद्राकाल 24 मार्च को सुबह 09:55 मिनट से शुरू हो जाएगा. उसी समय फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी. पूर्णिमा अगले दिन 25 मार्च दोपहर 12:29 बजे तक रहेगी. वहीं भद्राकाल सुबह 09:55 मिनट से रात 11:12 तक रहेगा. भद्राकाल में होलिका दहन नहीं किया जा सकता क्योंकि इस समय में किसी भी तरह के शुभ काम को करना वर्जित है. इसलिए होलिका दहन भद्राकाल समाप्त होने के बाद यानी रात 11:12 मिनट के बाद ही किया जाएगा.
होलिका पूजन का क्या रहेगा समय
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि होलिका दहन बेशक भद्राकाल समाप्त होने के बाद किया जाएगा, लेकिन होलिका पूजन पहले भी किया जा सकता है. इसके लिए भद्रा मुख छोड़कर दोपहर 12:15 मिनट से 12:45 तक करना पूजन करना शुभ रहेगा. इसके अलावा दोपहर 03:22 मिनट से शाम 05:37 मिनट तक पूजन करना शुभ रहेगा. 24 मार्च को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है जो सुबह 07 बजे से अगले दिन सुबह 06:22 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस बार होली का पर्व सभी के लिए सफलतादायक और उन्नतिकारक रहेगा.