वसंत पंचमी आज; ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और नियम!
हिंदू धर्म में वसंत पंचमी के त्योहार का विशेष महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में वसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है यानी इस तिथि पर हर तरह के शुभ और मांगलिक कार्य किया जा सकता है। वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती का प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देवी को पीला फूल और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी की तिथि कल यानी 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से आरंभ हो गई है, जिसका समापन आज दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार देशभर में वसंत पंचमी का त्योहार आज मनाया जा रहा है। ऐसे में वसंत पचंमी पर देवी सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस समय के दौरान पूजा संपन्न की जा सकती है।
जानिए देवी सरस्वती के अवतरण की पौराणिक कथा
भगवान विष्णु से अनुमति लेकर ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का, पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा। इसके बाद एक चतुर्भुजी स्त्री के रूप में अद्भुत शक्ति का प्राकट्य हुआ, जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थीं। ब्रह्मा जी ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया। जैसे ही देवी ने वीणा का मधुर नाद किया,संसार के समस्त जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हो गई। जलधारा में कोलाहल व्याप्त हो गया व पवन चलने से सरसराहट होने लगी। तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा। सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणा वादिनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। ये विद्या और बुद्धि की प्रदाता हैं, संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी कहलाती हैं।
वसंत पंचमी के दिन जरूर करें यह उपाय
– वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा करने के दौरान उनको पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई या खीर जरूर अर्पित करना चाहिए।
– वसंत पंचमी के पर्व के अवसर पर देवी सरस्वती को केसर या पीले चंदन का टीका लगाएं और पीले वस्त्र भेंट करें।
– मां सरस्वती के मूल मंत्र ‘ॐ ऎं सरस्वत्यै ऐं नमः’ का जाप करना चाहिए।