देशभर में आज बैसाखी की धूम, कैसे मनाया जाता है ये पर्व? जानें इतिहास!
बैसाखी का पर्व आज यानी 13 अप्रैल 2024 को मनाया जा रहा है. इस दिन को पंजाबी समुदाय के लोग नववर्ष के रूप में हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं. बैसाखी को नई फसल, जिंदगी की नई शुरुआत और सिख समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन सिख पंथ के खालसा गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की शुरुआत की थी, तभी से यह पर्व मनाया जाता है.
कैसे मनाते हैं बैसाखी का पर्व?
बैसाखी के दिन सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारा सजाते हैं, गुरु वाणी सुनते हैं और अपने-अपने घरों में विशेष पूजा करते हैं. इसके अलावा घर के बाहर लकड़ी का घेरा बना कर चलते हैं और वहां पर भांगड़ा और गिद्दा करते हैं. साथ ही एक दूसरे के गले मिलकर बैसाखी की शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन शरबत और विशेष पकवान बनाने की भी परंपरा है.
बैसाखी पर्व का इतिहास
बैसाखी पर्व की शुरुआत 30 मार्च 1699 से मानी जाती है. इस दिन सिख समुदाय के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. तभी से बैसाखी पर्व मनाया जाता है. गुरु गोविंद सिंह जी ने सिख समुदाय के लोगों से गुरु और भगवान के लिए बलिदान होने के लिए आगे आने के लिए कहा था. जो लोग बलिदान हुए थे, उन्हें पंज प्यारे कहा जाता था. जिसका तात्पर्य है गुरु के पांच प्रियजन.